5 Tips about पारद शिवलिंग You Can Use Today
इसके बाद लाल चंदन, लाल फूल, अबीर, रोली और अक्षत चढ़ाकर कुंजी की विधिवत पूजन करें।In accordance with Pandit Arvindkumar Shastri, he has long been serving this temple considering that he was ten a long time aged. This can be the only Shivling on the earth weighing 2351 kg. It is actually effectively-recognized each nationally and internationally for this reason. Beneath the 600 kilogram mercury, There's a brass element to the 1751 kg mercury Shivling.
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धातुओं में सर्वोत्तम पारा अपनी चमत्कारिक और हीलिंग प्रॉपर्टीज के लिए वैज्ञानिक तौर पर भी मशहूर है।
सिद्धिदात्री – ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धयै नमः।।
a hundred% PURE PARAD (MERCURY) SHIVLING FOR DAILY Household POOJA :- can help to satisfy all their wants like prosperity, family, little ones and spiritual blessings. Anyone that has recognized PARAD SHIVLING at their home may have their lifetime stuffed with dollars, contentment and will be free of poor results and lengthy life.
दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद
इसके पश्चात जिस स्थान पर भी इसे स्थापित करें उस जगह को पहले स्वच्छ कर लें।
जीवन में खुशियां प्राप्त करने के लिए पारद शिवलिंग की पूजा काफी लाभकारी मानी जाती है। इससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती है आर्युवेद के अनुसार, पारद शिवलिंग की पूजा करने से हाई ब्लड प्रेशर और अस्थमा जैसी बीमारियों से लड़ने में मददगार है। पारा कई रोगों में दवा के रूप में काम करता है
Thus, offerings built on Shivling made of virtually any stone, clay and porcelain really should not be eaten. But the choices available on Narvadeshwar and Pardeshwar i.e. Parad Shivling is obtainable to Mahadev himself, so it ought to be recognized with no hesitation towards the spouse and children. As a result Primary Parad Shivling is the most effective Shivling for dwelling and temple far too.
पारद शिवलिंग के दाहिने तरफ घी का दीपक जलाएं।
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यदि असली पारद शिवलिंग को हथेली पर घिसा जाए तो इसमें से कालिख नहीं निकलती है।
श्रावण महीने more info में शिव पूजा बहुत ही लाभदायक है। यदि आपको पारद शिवलिंग मिल जाए तो आपके परम सौभाग्य की बात है। श्रावण मास में पारद शिवलिंग लाकर अपने पूजा स्थल पर स्थापित करें। यदि आपके मंदिर में शिव परिवार अथवा पार्वती-शिव की तस्वीर है तो पारद शिवलिंग को उन्हीं के समक्ष स्थापित करें। चांदी, तांबा अथवा पीतल की प्लेट में सफेद वस्त्र बिछाकर उन्हें विराजमान करें। उससे पहले उन्हें गंगाजल से शुद्ध करें। भगवान शिव के मंत्रों से उनका आह्वान करें। ’ओम् नमः शिवाय। ओम् त्रयंबकम् यजामहे सुगंधिम् पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्’ आदि मंत्रों से एक अथवा दो माला का जाप करके उन्हें अपने आसन पर विराजमान करें। प्रातः अपनी नियमित पूजा के साथ साथ उन पर गंगाजल, धूप-दीप, पुष्प आदि चढ़ाएं अथवा चंदन का लेप करें एवं प्रार्थना करें।